Wednesday, September 23, 2009

दिल की धड़कन तेज होना

थोड़ा सा भी परिश्रम करने पर, तेज चलने पर, उठने-बैठने पर या इसी प्रकार के अन्य कार्य करने पर दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है।

दिल की धड़कन असामान्य होना दिल की कमजोरी का प्रतीक होता है। इससे रक्त संचार भी बढ़ जाता है और घबराहट सी लगने लगती है। इसका घर पर सामान्य इलाज इस प्रकार किया जा सकता है-

* 10 ग्राम अनार के पत्ते लेकर 10 ग्राम पानी में डालकर हल्की आँच पर उबालें। यह काढ़ा सुबह-शाम प्रतिदिन पीने से दिल मजबूत बनता है और दिल की धड़कन सामान्य होती है।

* गाजर के 200 ग्राम ताजे रस में 100 ग्राम पालक का रस मिलाकर सुबह-सुबह प्रतिदिन पीने से दिल की धड़कन काबू में रहती है, दिल मजबूत रहता है तथा दिल से संबंधित सभी विकार दूर होते हैं।

* हृदय रोगी को खूब मथकर मक्खन निकालकर बनाई हुई छाछ एक गिलास प्रतिदिन पिलाई जाए तो हृदय की रक्तवाहिनियों में जमा चर्बी कम हो जाती है तथा दिल की धड़कन व घबराहट दूर होती है।

* आलूबुखारा व अनार खाने से भी दिल की बढ़ी हुई धड़कन काबू में होती है।

अन्य उपचार

लाल चंदन, सफेद चंदन, कपूर, मुलहठी, नीम के पत्ते, मेहंदी के पत्ते, मजीठ, गेरू, हिरमिची, बबूल के फूल और मूँगा भस्म सभी समान मात्रा में लें।

विधि : मूँगा भस्म को छोड़कर अन्य सभी औषधियों का कपड़छान चूर्ण बना लें। फिर चूर्ण तथा मूँगा भस्म को मिलाकर एकसार कर लें व एक शीशी में भर लें।

सेवन : बड़ों को चार रत्ती व बच्चों को आधा रत्ती से एक रत्ती तक दिन में दो बार केवड़ा अर्क, गुलाब अर्क या गाजवान अर्क के साथ दें।

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